बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दो दिन के इस दौरे में सीएम नीतीश कुमार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि इन मुलाकातों में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। पिछले महीने की 28 जनवरी को ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, NDA का हिस्सा बनी थी, जिसके बाद नीतीश कुमार की पीएम मोदी से पहली मुलाकात होगी। ये मुलाकात संसद भवन में ही हो सकती है।
बहुमत साबित करना बाकी
बिहार में NDA की नई सरकार का नेतृत्व संभालने के बाद नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री मोदी से यह पहली मुलाकात होगी। इसके पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी एक दिन पहले प्रधानमंत्री से भेंट की। बीजेपी के साथ मिलकर 28 जनवरी को नीतीश ने एक बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली। नीतीश के नेतृत्व में बिहार में 2020 के जनादेश की वापसी बताते हुए NDA की सरकार बनाई गई है। बिहार में अभी एनडीए को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 12 फरवरी से शुरू होना है। इस सत्र में ही एनडीए की सरकार को अपना बहुमत साबित करना है। इस बारे में भी मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री के साथ चर्चा संभव है।
क्या हो सकता है बातचीत का मुद्दा?
मुख्यमंत्री होने के साथ नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। जेडीयू अध्यक्ष बनने के पहले और बाद में भी वह महागठबंधन और I.N.D.I.A अलायंस में सीट शेयरिंग को लेकर बोल रहे थे। NDA में शामिल होने के बाद उन्होंने बतौर पार्टी अध्यक्ष यहां सीट बंटवारे पर कोई बात नहीं की है। ऐसे में भले ही बुधवार को दिल्ली में पीएम मोदी से उनकी मुलाकात सरकार गठन के बाद औपचारिकता हो, लेकिन लोकसभा चुनाव, बिहार में सीट शेयरिंग और 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में होने वाला बहुमत परीक्षण बातचीत का मुद्दा हो सकता है। NDA के बाकी घटक दलों- लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों हिस्सों, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल के साथ भी सीटें शेयर करनी हैं।